टॉप 10 आतंकी सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर, मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची जारी

जम्मू

riyaz naikoo, Saifullah Ghazi Haider
हिजबुल कमांडर रियाज नायकू के खात्मे के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी में एक बार फिर कमर कस ली है। दिल्ली से सुरक्षा एजेंसियों ने मोस्ट वांटेड टॉप-10 आतंकियों की एक सूची जारी की है जो अगला निशाना हैं।

इस सूची में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर ए ताइबा (एलईटी) और जैश ए मोहम्मद (जेईएम) के आतंकी शामिल हैं। मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में टॉप-3 आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन के हैं।
इनमें सबसे ऊपर पिछले सप्ताह नायकू के खात्मे के बाद हिजबुल की कमान संभालने वाला डॉ. सैफुल्ला मीर उर्फ गाजी हैदर है। मीर 8 अक्टूबर 2014 को हिजबुल में शामिल हुआ था। उसे नायकू ने संगठन में शामिल करवाया था।
वह डॉ. सैफ के नाम से भी जाना जाता रहा है क्योंकि वह घायल आतंकियों का इलाज भी करता था। वर्ष 2017 से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर लगातार बना हुआ है। इस सूची में दूसरे नंबर पर हिजबुल का मोहम्मद अशरफ  खान उर्फ अशरफ  मौलवी है जो सितंबर 2016 में संगठन में शामिल हुआ था।

तीसरे नंबर पर 29 वर्षीय जुनैद सहराई है जो कश्मीर यूनिवर्सिटी से एमबीए कर मार्च 2018 में हिजबुल में शामिल हुआ था। जुनैद सैयद अली शाह गिलानी के बाद तहरीक ए हुर्रियत के चेयरमैन बने मोहम्मद अशरफ  सहराई का बेटा है।

यह भी निशाने पर
सूची में बाकी के सात आतंकियों में हिजबुल का मोहम्मद अब्बास शेख उर्फ तुराबी मौलवी (मार्च 2015 में भर्ती हुआ था), जैश का जाहिद जरगर उर्फ उमर अफगानी (2014), लश्कर का शकूर (2015), जैश का फैसल भाई (2015), शीराज लोन उर्फ मौलवी (30 सितंबर 2016), जैश का सलीम पररे और लश्कर का ओवैस मलिक शामिल हैं।

बता दें कि यह सभी आतंकी ए प्लस प्लस, ए ए प्लस और बी कैटेगरी के हैं। इनमें सबसे ऊपर ए प्लस प्लस वाले आतंकी हैं जो सबसे पहले सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं।

नायकू के मारे जाने के बाद ऑपरेशन तेज
हिजबुल कमांडर नायकू के मारे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन तेज कर दिए हैं। घाटी में सुरक्षा एजेंसियों ने इन मोस्ट वांटेड आतंकियों के खिलाफ  ऑपरेशन तेज कर दिए हैं ताकि इनका खात्मा कर घाटी की अवाम को राहत पहुंचाई जाए।

इस साल 64 आतंकी मारे जा चुके, 125 ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार हुए
अगर वर्ष 2020 की बात करें तो सुरक्षा एजेंसियों को अब तक करीब 27 आतंक निरोधक ऑपरेशनों के दौरान 64 आतंकियो को मार गिराने में सफलता हाथ लगी है जबकि 125 आतंकी समर्थकों (ओजीडब्ल्यू) को गिरफ्तार किया जा चुका है।

वर्ष 2019 में करीब 150 से अधिक जबकि 2018 में 250 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया था। इस बार सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चिंता जो बनी हुई है वह है अप्रैल के महीने की शुरुआत में कुछ पाकिस्तानी ट्रेंड आतंकियों का घुसपैठ करना है।

इस बीच राहत की बात यह भी है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती के ग्राफ  में बहुत कमी आई है। सुरक्षा एजेंसियों का यह भी मानना है कि नायकू के मारे जाने के बाद इस भर्ती में और कमी आने के साथ-साथ आतंकवाद की कमर टूट गई है क्योंकि वह मास्टरमाइंड था, जो स्थानीय युवाओं को गुमराह कर आतंकी बनाता था।

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